
2020-01-17T05:15:09
वज्रासन -यह संस्कृत के शब्द ‘वज्र’ से बना है, जिसका अर्थ है आकाश में गरजने वाली बिजली। -इस योगासन में बैठकर प्राणायाम, कपालभाति व अनुलोम-विलोम किया जा सकता है। वज्रासन करने का तरीका – 1. घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं। इस दौरान दोनों पैरों के अंगुठों को साथ में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें। 2. अब अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाएं। 3. अब हथेलियां को घुटनों पर रख दें। 4. इस दौरान अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें। 5. दोनों घुटनों को आपस में मिलाकर रखें। 6. अब आंखें बंद कर लें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। 7. इस अवस्था में आप पांच से 10 मिनट तक बैठने की कोशिश करें। वज्रासन के फायदे - 1.नियमित रूप से वज्रासन करने से आपका पाचन ठीक रहता है और कब्ज की समस्या दूर होती है। 2.बेहतर पाचन होने से एसिडिटी और अल्सर की समस्या से बचाव होता है। 3.यह आसन पीठ को मजबूत करता है और पीठ के निचले हिस्से की समस्या और साइटिका की समस्या से राहत दिलाता है। 4.यह श्रोणि मांसपेशियों को भी मजबूत करता है। 5.यह प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद करता है और मासिक धर्म की ऐंठन को भी कम करता है। 6.ध्यान लगाने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ आसनों में से एक है।